का बताई कैसे बा
कमरे से
( जन्मी कविता)
-आपके घर में कमरे है?
जी। तभी तो घर है
– कितने कमरे हैं?
जी। तीन
-ओके। टॉयलेट है?
जी। बिना इसके कहाँ काम चलेगा?
– कितने हैं?
जी। तीन।
-आप कहाँ हैं?
कमरे में।
-ओह ( जैसे उम्मीद कहीं और थी)
-थरमामीटर है?
जी। पाँच है। हर बार अलग थर्मामीटर से बुखार नापता हूँ?
-चढ़ तो नहीं रहा?
जी नहीं
-अब कितना है?
-नॉर्मल है।
-दवा ली?
जी
-कहाँ से ली?
जी। मुँह से
-हमारी मिली?
जी नहीं
-कोई देने नहीं आया?
जी नहीं।
(हम आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं)
थोड़ी देर बाद यही सवाल। अगले दिन यही सवाल…कैसे हैं?
सूर्यकांत