काहे खातिर साली (होली है)
काहे खातिर रंग बना है, काहे खातिर साली?
काहे खातिर प्यारा साला, देते हैं सब गाली?
जोगिरा सारा रा रा…….
प्रेम की खातिर रंग बना है, हंसी की खातिर साली।
गाली खाने को प्यारा साला, देते हैं सब गाली।।
जोगिरा सारा रा रा……..
काहे को ससुराल गया था, काहें रोकी थी साली?
काहें ना साले ने समझा, साली आधी घरवाली?
जोगिरा सारा रा रा…….
बीवी छोड़न ससुराल गया था, रंग खातिर रोकी थी साली।
अविवाहित साला ना समझा, साली आधी घरवाली।।
जोगिरा सारा रा रा………
काहे इतना साला रुठा, काहे इतनी साली?
काहे इतना ससुरा रुठा, पुलिस बुला दे डाली?
जोगिरा सारा रा रा…..
रोई बहना तो साला रुठा, पानी से रुठी साली।
हाथापाई से ससुरा रुठा, पुलिस बुला दे डाली।।
जोगिरा सारा रा रा……….
(बुरा न मानो होली है)
जटाशंकर “जटा”
०७-०३-२०२०