काश
काश
मैं बह सकता, बह जाता इन लहराती जुल्फों मे।
गर
मुझे मदहोश होना होता,
हो जाता गुम तेरी मदमस्त आँखों मे।
जै
मैं खुश होता , देखकर तेरी मुस्कान
काश
मैं लिख सकता ,
लिख लेता तेरे रूप की राग ।
काश
मैं लिख सकता, लिख देता तेरे लिए सारा जहां।
—सोनु सुगंध ०१/१२/२०१८