काश मैं तुमसे…
काश मैं कभी तुमसे रूबरू होता
गिले-शिकवे का दौर शुरू होता।
बैठ कर मिटाता तन्हाईयों को साथ
एक प्यार का शिलशिला शुरू होता।
©”अमित”
काश मैं कभी तुमसे रूबरू होता
गिले-शिकवे का दौर शुरू होता।
बैठ कर मिटाता तन्हाईयों को साथ
एक प्यार का शिलशिला शुरू होता।
©”अमित”