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28 Sep 2023 · 1 min read

काश, धर्मनगरी में कोई धर्मवीर होता। धिक्कार संवेदनाहीन शिखण्

काश, धर्मनगरी में कोई धर्मवीर होता। धिक्कार संवेदनाहीन शिखण्डियों को, जो मूक-दर्शक बने रहे।।

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