Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2023 · 1 min read

काश कभी ऐसा हो पाता

तुम फूल सी खुशबू फैलाती, मैं धूल सा हर कहीं उड़ता जाता;
तुम रहा करती खुली आँखों में मेरी, मैं बंद आँखों में सपने सजाता;
कच्ची धूप और मीठी हवाएं, सुबह-शाम तुम को मिल जाती;
ये दिन ये रात एक सा हो जाता, काश कभी ऐसा हो पाता !

नदियां जो कुछ हरकत बदले, लहरों का सरगम बन जाता;
कोई नदी जो राह बदल ले, झरनों का कलरव थम जाता;
बूंद-बूंद जो रिसती है धुन, उस धुन से मझधार खेवाता;
कमरे में सिर छुपाये जो बैठे हैं उनको भी ये सब दिखाता;
तुम्हारी ये पंखुरियाँ बीज और पराग जो अनायास ही खो जाते होंगे,
उन्ही को चुनकर हाथों में भरकर फिर से कोई फूल खिलाता,
थोड़ी नई धूल बनाता, काश कभी ऐसा हो पाता !

Language: Hindi
2 Comments · 225 Views

You may also like these posts

सोला साल की उमर भी
सोला साल की उमर भी
Shinde Poonam
पूतना वध
पूतना वध
Jalaj Dwivedi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
4131.💐 *पूर्णिका* 💐
4131.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
सत्य कुमार प्रेमी
You lived through it, you learned from it, now it's time to
You lived through it, you learned from it, now it's time to
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कान
मुस्कान
seema sharma
झुकना होगा
झुकना होगा
भरत कुमार सोलंकी
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
करें प्यार
करें प्यार
surenderpal vaidya
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
" नदिया "
Dr. Kishan tandon kranti
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
Ravi Prakash
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
RAMESH SHARMA
मुक्तक
मुक्तक
Akash Agam
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
ललकार भारद्वाज
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
Rj Anand Prajapati
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
जज्बात
जज्बात
Mamta Rani
” शायद तु बेटी है ! “
” शायद तु बेटी है ! “
ज्योति
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
SATPAL CHAUHAN
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शायद
शायद
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कुछ भी
कुछ भी
*प्रणय*
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आभार धन्यवाद
आभार धन्यवाद
Sudhir srivastava
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
Loading...