काश्मीर पर मिश्रित गीत
मिश्रित गीतिका
+16 व 12 पर यति तुकांत पदांत+
(धुन विशेष में चतुर्थ पंक्ति का दोहरान 10 मात्रिक बंध के निश्चित टेग के साथ)
सन्दर्भ—-काश्मीर में जवानो पर हमला
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नारे बहुत लगा लिय हमने भारत का काशमीर।
अब बातोसे काम न होगा सुन लो सभी रणधीर।
कूच करों जि पाक के अंदर,हाथ में ले शमशीर।
वरना अपने रोज़ मरेंगे , ये फौज जवान वीर।
वरना अपने रोज मरेंगे फौजी जवान वीर ,
जी तुम गांठ बांध लो ।
हाँ जी तुम गाँठ बांधलो।
करना तो पड़ेगा अब युद्द भी।
भारत माता की जय।*****1****
रोज रोज यह पत्थर फेंके ,किसकी बातों में आये।
इन लातो के भूतो को भैया ,क्यों बातों से समझाये।
जो मूंह पर थप्पड़ मारो तो ,अक्ल ठिकाने आये।
या फिर इनको सीधा ही दो ,धरती में दफनाये।
या फिर इनको सीधा सीधा दो धरती में दफनाये। जी यह गांठ बांध लो।
हाँ जी तुम गाँठ बांधलो।
करना तो पड़ेगा अब युद्द भी।
भारत माता की जय।****2******
आज बिलखती भारत माता कोई तो करो विचार।
भारत माँ के टुकड़े ना हो देखो नहीं हज़ार।
सोच समझलो अभी वक्त है कर लो साज संवार।
अमेडकर गाँधी के सिद्दांत कर रहे बंटाडार।
अमेडकर बापू के सिद्दांत कर रहे बंटाडार जी तूम गांठ बांध लो।
हाँ जी तुम गाँठ बाँध लो, करना पड़ेगा एक युद्द जी।
भारत माता की जय।*****3*******
कब तक आखिर चुप बैठेंगे , हम डरकर बतलाओ।
अब तो थोडा शर्म करो जी, मत इतना घबराओ।
चुप रहने का कारण क्या है,इतना तो समझाओ।
मानवता को जो नही समझे, उनसे तुम टकराओ।
मानवता को जो नही समझे उनसे तुम टकराओ जी ,तुम गांठ बांध लो।
हाँ जी तुम गांठ बांध लो करना पड़ेगा अब युद्द भी।
भारत माता की जय।
+++++मधु गौतम