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12 Feb 2023 · 1 min read

काव्य धारा

2197.
💥अपना अपना दौर होता है 💥
22 22 212 22
अपना अपना दौर होता है ।
झूठ यहाँ सच और होता है ।।

दुनिया की बात अजब गजब सी।
आज गधे सिरमौर होता है ।।

बुनती रहती जिंदगी सपनें ।
अब प्यार कहाँ कौर होता है ।।

खिलते फूलों की महक काफी ।
कब चमन चमन गौर होता है ।।

वक्त देता आवाज खेदू सुन ।
सबका अपना ठौर होता है ।।
……….✍प्रो .खेदू भारती “सत्येश “

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 97 Views
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