कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन
सावन आग्या भोले की, कावड़ मैं लाऊँगा।
गंगाजल लोटे मैं भर, भोले पै चढ़ाऊंगा।
यो…नाम भोले का, हर रोज मैं गाऊँगा।।
पैदल नंगे पांव मैं बाबा, दर तेरे आऊंगा।
हरिद्वार मैं हर की पौड़ी, चढ़ मैं जाऊंगा।
नाम तेरे भोले मैं अपनी, कावड़ ठाऊंगा।
यो…नाम भोले का, हर रोज मैं गाऊँगा।।
बेशक पड़ ज्यां पैर मैं छाले, ना घबराऊंगा।
मन में है विश्वास मैं कावड़, लेकर आऊंगा।
भजन मैं भोले के रस्ते मैं, सुनता जाऊंगा।
यो…नाम भोले का, हर रोज मैं गाऊँगा।।
कावड़ लेकर कंधे पर, उसे रोज झुलाऊँगा।
यारों की टोली मैं अपने, साथ ले जाऊँगा।
भजन लिखे बाबा का अरविंद, उसे मैं गाऊँगा।
यो… नाम भोले का, हर रोज मैं गाऊँगा।।
© अरविंद भारद्वाज