काल बली है
काल बली है
एक खली है…
(१)
इसके आगे
किसकी चली है…
(२)
कुछ कांटों में
हर कली है…
(३)
शोर इसी का
गली-गली है…
(४)
इसकी लौ में
दुनिया जली है…
(५)
सबकी रंगत
आख़िर ढली है…
(६)
बचना मुश्किल
यह तो छली है…
(७)
इसकी लिखाई
कहां टली है…
(८)
तूफ़ानों में
जो पली है…
(९)
जैसी भी है
वह भली है…
(१०)
सबकी मेहनत
आख़िर फली है…
#geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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