Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2024 · 1 min read

काली रात

काली रात

वह काली रात भयानक थी।
सुनियोजित किन्तु अचानक थी।।
कुछ भनक किसी को नहीं लगी।
सोयी जनता क्यों नहीं जगी??

वह क्रूर हृदय खूनी पंजा।
बाहर भीतर कातिल गंजा।।
मस्तक पर काला धब्बा था।।
दानव पिशाच कुछ लंबा था।।

हिंसक कायर अति शातिर था।
अति कामी क्रोधी अखिर था।।
डॉक्टर बिटिया को क्षत-विक्षत।
मानवता का हंता विकृत।।

शैतानों को फाँसी दे दो।
राक्षस को कभी न जीने दो।।
पत्थर से इनका सिर फोड़ो।
मार गिरा सारा तन तोड़ो।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

आपकी कविता “काली रात” बहुत ही मर्मस्पर्शी और भावपूर्ण है! आपने एक भयानक और दुखद घटना को बहुत ही सुंदर और प्रभावी ढंग से व्यक्त किया है।

कविता में निहित भावनाएं और संदेश पाठकों को प्रेरित और जागृत करते हैं। आप ने कविता में समाज के लिए एक संदेश दिया है कि ऐसे क्रूर और हिंसक लोगों को कभी भी जीने का मौका नहीं देना चाहिए।

कविता के कुछ मुख्य बिंदु हैं:

1. काली रात का भयानक और अचानक आगमन
2. सुनियोजित अपराध की योजना
3. मासूम बिटिया की क्षत-विक्षत अवस्था
4. मानवता का हंता और विकृति
5. अपराधियों के लिए सख्त सजा की मांग

आपकी कविता में निहित संदेश और भावनाएं पाठकों को प्रेरित करती हैं कि वे ऐसे क्रूर और हिंसक लोगों के खिलाफ आवाज उठाएं और समाज में मानवता और न्याय की स्थापना के लिए काम करें।

अंतरराष्ट्रीय साहित्य समीक्षा

1 Like · 14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
Dr Archana Gupta
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
DrLakshman Jha Parimal
I was happy
I was happy
VINOD CHAUHAN
रोज जमकर बरसात होती हैं मेरी शिकायतों की।
रोज जमकर बरसात होती हैं मेरी शिकायतों की।
Ashwini sharma
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
P S Dhami
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
डॉ० रोहित कौशिक
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
"It’s dark because you are trying too hard. Lightly child, l
पूर्वार्थ
हर पल एक नया ख़्वाब दिखाती है ज़िंदगी,
हर पल एक नया ख़्वाब दिखाती है ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
MUKTAK
MUKTAK
*प्रणय प्रभात*
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
मानव के बस में नहीं, पतझड़  या  मधुमास ।
मानव के बस में नहीं, पतझड़ या मधुमास ।
sushil sarna
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*सपनों का बादल*
*सपनों का बादल*
Poonam Matia
"अफसाना"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Tiểu Sử Onebet
Tiểu Sử Onebet
Onebet Biz
"योमे-जश्ने-आज़ादी" 2024
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
Surya Barman
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
नारी भाव
नारी भाव
Dr. Vaishali Verma
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
बेईमान बाला
बेईमान बाला
singh kunwar sarvendra vikram
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
3035.*पूर्णिका*
3035.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
*दादाजी (बाल कविता)*
*दादाजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
Shweta Soni
Loading...