कालका माता (विजय घनाक्षरी)- गुरू सक्सेना
महाकाली से पुकार
मैया कोरोना को मार
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विजया घनाक्षरी
32 वर्ण,8- 8पर यति।
हर यति पर लघु गुरू वर्ण।
अंत में लघु गुरू।
कालका
अपार शक्ति धारणी,जगत हित कारणी,
समूह पाप तारिणी, दयाली मात कालका।
असुर रण नाशनी, खप्पर कर वासनी,
प्रचण्ड घोष हासनी,कपाली, मात कालका।
अधर्म बढ़ी करनी,न जाय दशा बरनी,
हैरान हुई धरनी,जै काली मात कालका।
संग्राम थाम लीजिये,हताशा दूर कीजिये,
प्रकाश खास दीजिए दिवाली मात कालका।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश