*कार्य दिहाड़ी पर नित करता, अभिनंदन मजदूर का (गीत)*
कार्य दिहाड़ी पर नित करता, अभिनंदन मजदूर का (गीत)
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कार्य दिहाड़ी पर नित करता, अभिनंदन मजदूर का
1)
सुबह-सुबह घर से चलकर जो, ठीक समय पर आता
बायोमेट्रिक-बिना समय का, जिसको खौफ सताता
नपा-तुला है मूल्य हमेशा, श्रमजीवी मजबूर का
2)
कभी काम लंबा मिल जाता, अक्सर मिलता छोटा
बिना कार्य के खाली रहना, अर्थ भाग्य है खोटा
खाली रहना सबसे भारी, प्रश्न खर्च के पूर का
3)
रोज कमाना खाना जिसकी, किस्मत का है लेखा
किसी दिवस आराम कर रहे, नहीं किसी ने देखा
घर लौटा तो रोजाना का, किस्सा थककर चूर का
कार्य दिहाड़ी पर नित करता, अभिनंदन मजदूर का
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451