Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

कार्यालय

कार्यालय
—————– नया कार्यालय और उसके कोने में
एक छोटा सा कमरा,
उस कमरे की निःशब्द शांति,
–यह सब कुछ अब
कितना अजीब लगता है।

अपनी कुर्सी पर चिपके हुए,
शेष बंधुओं की तरह
शांतभाव, असूचित शाम तक
बरसों पुराने मृत पन्नों से उलझे हुए,
चुपचाप बैठे रहना, अजीब लगता है।

साढ़े नौ बजते ही लोग आने लगते हैं,
यह कार्यालय खुलने का समय होता है।
शाम को लोग एक-एक कर जाने लगते हैं,
घड़ी पर नज़र जाती है,चार बजे होते है।
मैं भी सोचता हूं,
‘रहने दो शेष काम,कल के लिए’, और
चला जाता हूं, थोड़ी ही दूर,
एक एकांत कमरे में, जो मेरा आवास होता है।
और यह सब ,कुछ अजीब लगता है।***************************************************** –राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, मौलिक/स्वरचित।

1 Like · 264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajendra Gupta
View all
You may also like:
शतरंज
शतरंज
भवेश
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
सपने ना बंद आँखो में है ,
सपने ना बंद आँखो में है ,
Manisha Wandhare
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
न मंजिल है कोई न कोई डगर
न मंजिल है कोई न कोई डगर
VINOD CHAUHAN
बंधी मुठ्ठी लाख की : शिक्षक विशेषांक
बंधी मुठ्ठी लाख की : शिक्षक विशेषांक
Dr.Pratibha Prakash
रक्तदान
रक्तदान
Pratibha Pandey
बेटियां।
बेटियां।
Taj Mohammad
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
VN138 là trang cá cược chính thức của VN138  liên kết với nh
VN138 là trang cá cược chính thức của VN138 liên kết với nh
Vn138
शक्तिशाली
शक्तिशाली
Raju Gajbhiye
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
#आज_का_संदेश
#आज_का_संदेश
*प्रणय*
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
पूर्वार्थ
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
Shweta Soni
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
Sanjay ' शून्य'
उस चाँद की तलाश में
उस चाँद की तलाश में
Diwakar Mahto
"मन्नत"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन की नैया
जीवन की नैया
भरत कुमार सोलंकी
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
Dr. Man Mohan Krishna
4350.*पूर्णिका*
4350.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*धारा सत्तर तीन सौ, स्वप्न देखते लोग (कुंडलिया)*
*धारा सत्तर तीन सौ, स्वप्न देखते लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
Manoj Mahato
Loading...