कारे कारे बदरा जाओ साजन के पास
कारे कारे बदरा जाओ साजन के पास।
कह दो उनको तुम्हारी सजनी है उदास।।
गोरे गोरे हाथों में मेंहदी है रचाई,
पहन कर चूड़ियां उनको है खनकाई।
यह तीजो का मौका त्यौहार है खास,
कारे कारे बदरा जाओ साजन के पास।।
छम छम कर पैरो की पायलिया बाजे,
खन खन करके हाथो की चूड़ियां बाजे।
कह रही है ये बलमा आ जाओ मेरे पास,
कारे कारे बदरा जाओ साजन के पास।।
कू कू करके कोयलिया बागों में है बोले,
पीहू पीहू करके पपीहरा बागो है बोले।
उनकी आवाजों में मिठास है कोई खास,
कारे कारे बदरा जाओ साजन के पास।।
सावन का महीना पवन कर रही शोर,
साजन बिन सजनिया हो रही है बोर।
समझा दो सजानिया को जाके पास,
कारे कारे बदरा जाओ साजन के पास।।
अम्बवा की डार पर झूला है डाला,
गा रही सभी सखि गीत है मतवाला।
झोटे दे दो आकर अम्ब्वा के पास,
कारे कारे बदरा जाओ बलमा के पास।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम