कारण कोई बतायेगा
कारण कोई बतायेगा
क्यों टुटी,क्यों टुट रहीं, कारण कोई बतायेगा।
सीना तान कर कोईं क्षत्रिय अपना पन दिखायेगा।।
जाति धर्म,जाति भेद, कोई ब्राह्मण इसे हटायेगा
ब्राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य,शुद्र,,वर्ण भेद मिटायेगा ।।
जाग उठेगा हिन्दू,उस दिन, वर्ण भेद मिट जायेगा।
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शुद्र,एक बिंदु में मिल जायेगा।।
क्यों टुटी, क्यों टुट रहीं कारण कोई बतायेगा।।
हिन्दू बना था ,हिन्दू का दुश्मन,छुआ छुत बढ़ाया था।
दबंग बनें थे सवर्ण जाति,बाकी को दलित बनाया था।।
त्रस्त किया था जन समुदाय को,पीड़ा खुब पहुंचाया था।
कलमकार के विजय लेख , कोई सज्जन पढ़ पायेगा।
क्यों टुटी क्यों टुट रहीं, कारण कोई बतायेगा।।
किसने लिखा वेद शास्त्र, किसने लिखा रामायण।
किसने लिखा,बीजक मंत्र,किसने लिखा नमायण।।
किसने कहा गीता सार, बता सकता है कोंई।
दे सकता है,तो दे दे हमें,जो अधिकार दलित खोई।।
हम हिंदू हैं, हिन्दू रहेंगे,कौन हिन्दू बनायेगा।
क्यों टुटी क्यों टुट रहीं, कारण कोई मिटायेगा।।
डां, विजय कुमार कन्नौजे अमोदी वि खं आरंग जिला रायपुर छत्तीसगढ़