काम बाकी है
अभी बहुत से काम बाकी है
जुड़ना नाम से नाम बाकि है !
अपने हौसलों को उड़ान दे
अभी पाना मुकाम बाकी है !
लुटाई है जो नेमत बेपनाह
मिलना उसका दाम बाकि है !
अश्को से भरे नयन प्याले
पीने वो अभी जाम बाकी है !
मुँह मोड़कर जो चले गए
कहना उन्हें सलाम बाकि है !
उम्र भर से बनाने में लगे मकां-ऐ-कब्र
“धर्म” का उसमे करना आराम बाकि है !!
डी के निवातिया