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23 Sep 2024 · 1 min read

काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,!

काम तुम बेहिसाब….., कर दो ना
छूके मुझको गुलाब.., कर दो ना।
=================
ग़र मुहब्बत है इक बुरी…, आदत
मेरी आदत खराब…., कर दो ना।
=================
आरज़ू इक…….., यही है बस मेरी
रुख़ जरा बेनक़ाब…., कर दो ना।
=================
धड़कनों के सवाल………, इतने हैं
इक मुकम्मल जवाब कर दो ना।
=================
रोशनी से चराग़…………., यूँ बोला
सामने आफ़ताब कर……, दो ना।
=================
थक चुका हूँ.. मैं उलझनों से अब
एक सुलझी किताब.. कर दो ना।
=================
है गुज़ारिश ऐ.. ज़िन्दगी…., तुझसे
अब तो मेरा हिसाब.. कर दो ना।
=================
|| पंकज शर्मा “परिंदा” ||

Language: Hindi
8 Views
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