कामयाबी का खुद से
क़ामयाबी का खुद से
इक़रार कर लो ।
क़दमों की ज़्यादा
रफ़्तार कर लो ।।
हो जायेगी ये फिर
से किसी की।
मोहब्बत का कैसे
एतबार कर लो ॥
इस ज़िन्दगी का
हासिल नहीं कुछ
मेरी बात का भी
एतबार कर लो ।।
उम्मीद कुछ
न आने की उसकी
वो आ जाए शायद
एतबार कर लो ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद