काफिले रूकते नही
काफिले रूकते नही
बढ़ते कदम थमते नही
अनिलकुमारगुप्ता’अंजुम’
की सर्वश्रेष्ठ रचनायें पढ़ो
तो जानो आंतरिक गुण
पवित्र मन झुकते नही।
साहसिक मानवतावादी
कदमों को रोकोगे क्या
चल पड़े प्रकाश उन्मुख
चीर तम, थमते नही।
सत्य कर्म सत्य वचन
बात मान ऐ मुसाफिर
मां का आंचल बचाऐगा
हौसलों से उड़ रूकते नही
शुभकामनायें मानवमन
बचो – अनैतिक गर्त से
प्रण लो सत्य पथ गामी
हो अंधेरा तो रूकते नही
इस तरह उतरो धरा पर
मन मे हों अनेकों गम
छुएगें – हम नीलाम्बर
बढ़ेगें रूक सकते नही
स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर
श्री अनिल कुमार गुप्ता ‘अंजुम’ को समर्पित