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22 Aug 2024 · 1 min read

कान्हा

सुनि ल हमरो अरज़ मनुहार कान्हा
अबके आवs न हमरो दुआर कान्हा

मेवा मिसरी दोकान से मंगवले बानी
तोहरा खातिर हम झूला लगवले बानी
आके कई द न अंगना गुलजार कान्हा
अबके आवs न हमरो दुआर कान्हा

तोहरे खातिर दही हम जमवले रहब
तोहें खाए बदे माखन निकरले रहब
देखाइब तोहके ख़ईलर के चमत्कार कान्हा
अबके आवs न हमरो दुआर कान्हा

धनिया वाली परसादी बनलवे हईं
तोहरा स्वागत में लोगवा जुटवले हईं
भोग लगाईब हम कइयो परकार कान्हा
अबके आवs न हमरो दुआर कान्हा
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
62 Views
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