कान्हा
?️?️कान्हा?️?️
मुरली की मनोहर धुन,
उर को विभोर लागत है।
राधा के संग रास रचावैं,
कान्हा झांझ बजावत हैं।।
सखियां झूमें कान्हा संग,
राधा रानी नाचत हैं।
वंशीधर साथ रंभाती गउयें,
जो मन को बहुत लुभावत है।।
मयूर करे पिहुं-पिहुं,
जो मन को सुंदर लागत है।
बांसुरिया बाजे कान्हा की,
जो उर को बहुत लुभावत है।।
सुषमा सिंह *’उर्मि,,