कान्हा बतिया बनावत कोरी ।
कान्हा बतिया बनावत कोरी
खावत मोरा माखन चोरी चोरी ।
बेर बेर मैं कहन कौ आऊँ
सुन ले जसोदा मोरी,
कंकर मारत मटकी फोरत
लुकि जाय झारिन ओरी
आगे आगे कान्हा चालै
पाछे ग्वालन टोरी
एक बेर की होय तो छोड़ें
रोज करत बरजोरी
कान्हा बतिया बनावत कोरी
खावत मोरा माखन चोरी चोरी ।