कान्हा तेरे रूप
कान्हा तेरे रूप पर बलिहारी जाऊं मैं
पल पल हर पल बस तुमसे ही नैन मिलाऊँ मैं
कभी राधा रानी सा रास करूं
तो कभी मीरा बन जाऊं मैं
बस तेरे दर्शन की प्यासी
हर रंग में रंग जाऊं मैं
भाते हैं मुझे सब रंग
हर रंग की अलग एक कहानी है
पर जब से देखा श्याम रंग
तो ये रेखा तो बस श्याम दीवानी है
कान्हा तेरे प्रेम में डूबा है सारा संसार
जिसने समझी श्याम प्रीत
उसकी तो नैया हो गई पार,
प्रेम का दूजा नाम ही कान्हा है
जिसने राधा कृष्ण की छवि बसाई
दूर होते हैं सारे अवगुण इस नाम से
बस राधा कृष्ण के नाम ने तो प्रेम की ज्योत जगाई,
इतना उपकार कर मेरे सांवरे
आस्था और विश्वास का दीप जलाए रखना
जो कभी लड़खड़ाए क़दम मेरे
तो अपना हाथ मेरे लिए बढ़ाए रखना।
रेखा खिंची ✍🏻✍🏻