कानून का राज
कानून का राज है
किसी का बदन जो उघाड़े यहां पर,,
वो कैसे भला खुश रहेगा वहां पर,,
झांसे ही झांसे किये जिसने हमेशा,,
न आशा मिली न ही राम यहां पर,,
टूटे बहुत धर्मवादी,बहु गुण प्रवीना,,
हथौड़ी जब चली जज की यहाँ पर,,
शिखर से वो धूलि मैं मिल गये है,,
कानून जिनका अलग था जहां पर,,
बाबा साहेब की कलम का लेख है जो,,
मनु सब जानलो वो अमिट है यहां पर,,
मानक लाल मनु,,,,,?