Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

कानून अपना काम करेगा

कि बात अपने तक ही रखना आगे मत कहना,
आजकल हर बात में पड़ता है सावधान रहना।

जब छुपा कर बात करनी होती हैं अक्सर,
तो धीरे से कहा जाता है फुसफुसा कर ।

लेकिन यह अफवाहों का बाजार सजाना है,
ऐसे गुपचुप बात करना तो बहाना है ।

कान सिर्फ दीवारों के, हुकमरान अब बहरा हुआ,
आरोपी, हुकमरान एक हुए आदमी है डरा हुआ।

चारों तरफ उठती चीखों को नही सुनता मानव आज,
मारकाट, बलात्कार, चीखों पर कान नहीं देता ‘राज’ ।

न्याय की कोशिशों पर हैं षड्यंत्रों के गहरे घाव,
आरोपी और हुकमरान का समझौते के लिए दबाव ।

न्यायालय से पहले सरकार का दखल भी आम हो गया है,
दबाव बनाने चौथा स्तंभ षड्यंत्रों को सरेआम ढो रहा है ।

कहते हैं कानून अपना काम कर रहा है,
किसे बचाना है उनका मंसूबा अब उभर रहा है ।

काम का मन्द गति से चलना स्पष्ट दर्शा रहा है,
कानून कैसे काम करेगा मैनेज किया जा रहा है ।

कानून के काम करने पर रोड़े हर प्रकार के,
जनतांत्रिक देश में ये काम अच्छे नही सरकार के।

64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all
You may also like:
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
"सब कुछ तो भाग्य विधाता है"
Ajit Kumar "Karn"
कुछ निशां
कुछ निशां
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम - पूजा
प्रेम - पूजा
Er.Navaneet R Shandily
💖🌹 हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹💖
💖🌹 हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹💖
Neelofar Khan
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
बदला लेने से बेहतर है
बदला लेने से बेहतर है
शेखर सिंह
" अकाल्पनिक मनोस्थिति "
Dr Meenu Poonia
नर से नारायण
नर से नारायण
Pratibha Pandey
अजब तमाशा जिंदगी,
अजब तमाशा जिंदगी,
sushil sarna
पहली बारिश मेरे शहर की-
पहली बारिश मेरे शहर की-
Dr Mukesh 'Aseemit'
मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
Rj Anand Prajapati
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जी तो हमारा भी चाहता है ,
जी तो हमारा भी चाहता है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
"पलायन"
Dr. Kishan tandon kranti
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
Ranjeet kumar patre
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
3235.*पूर्णिका*
3235.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किताबे पढ़िए!!
किताबे पढ़िए!!
पूर्वार्थ
ये आसमा में जितने तारे हैं
ये आसमा में जितने तारे हैं
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मेरे जैसा
मेरे जैसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
Atul "Krishn"
Loading...