कागज
सबने लिखा एक कोरे कागज पर ।वह कागज कविता मय हो गया।पढने बाले ने कैसे पढा .कैसे कि दीदार हो गया ।मैंने लिखा दिल के ऊपर अमिट हो गया ।यही करूणा के शब्दों का खेल है।पृयारे शब्द ही बृमहृ है।न समझने बालों को तो.काला कागज हो गया।भ
सबने लिखा एक कोरे कागज पर ।वह कागज कविता मय हो गया।पढने बाले ने कैसे पढा .कैसे कि दीदार हो गया ।मैंने लिखा दिल के ऊपर अमिट हो गया ।यही करूणा के शब्दों का खेल है।पृयारे शब्द ही बृमहृ है।न समझने बालों को तो.काला कागज हो गया।भ