कागज का टुकड़ा शिकायत लिखा
शिकायतों की फेहरिस्त
इतनी लम्बी है कि
याद भी नहीं रहती
अब तो
याद रखने के लिए
कागज के टुकड़ों पर
लिखना पड़ता है
उन्हें भी
कहीं रखकर
भूल जाती हूं
कोई कागज का टुकड़ा
शिकायत लिखा
मिल भी जाता है तो
उसे पढ़कर सुनाने के लिए
किसी सुनने वाले को ढूंढने के लिए
यत्न करना पड़ता है
और न मिले तो
फिर एक शिकायत
लिखने के लिए
कागज का टुकड़ा खोजना
पड़ता है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001