कागज कलम पुस्तक के प्रति प्रेम के प्रतिमान के रूप में गहलोत के शेर
– कागज कलम पुस्तक को समर्पित पंक्तियां –
1. मुझे इश्क है तुम्ही से और तुम्ही से ताउम्र रहेगा,
तुम ही तो जो मेरी जिंदगी का आईना हो,
2.जीवन में भरत कभी भी मुश्किलों से घिरा है,
तब वो सिर्फ तुझसे ही मिला है,
में जानता हु मेरी सारी समस्या का समाधान तुम में ही निहित है,
इसलिए ही तो तेरे पास चला आता हु,
3. इश्क मेरा तुमसे कुछ ऐसा है,
जो होना चाहु तुमसे जुदा पर हो न ही पाता हु,
4.मेरी सांसों में बसी है तेरी खुशबू,
तूझसे जुदा होकर में जी नही पाऊं,
5. पुस्तको से मेरा ऐसा प्रेम है,
जो छुपाना चाहता हु छुपा नही पाता हु,
6.कागज ,कलम ,पुस्तक मेरे रूह में बसी है,
उसको मेरी रूह से कोई जुदा कर नही सकता,
7.तेरी मोहब्बत ने दिया है मुझे ऐसा सितम,
मेरे अपने मुझसे रूठ गए मेरे सपने मुझसे टूट गए,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –