‘कांतिपति’ की कुंडलियां
पानी देना पौध को, है माली का काम।
अवसरवादी पा रहे, तना काटकर दाम।
तना काटकर दाम, निरंतर पाने वाले।
और फूल-फल संग, मूल भी खाने वाले।
करते नीचा कर्म, नहीं है उनका सानी।
बना हुआ गुमनाम, दिया जो तरु को पानी।।
© नंदलाल सिंह ‘कांतिपति’