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12 Apr 2021 · 1 min read

क़ैद..

क़ैद…

क़ैद जिस चारदिवारी में
मेरा जिस्म मेरा वजूद
वो मेरा घर कहाँ
ये तो हैं ईंट पत्थर की दीवारें
जिनमें मेरी ख़्वाहिशों को
दिया गया है चुनवा
वो मेरा आँगन कहाँ
ये तो है चूने गारे की ज़मीं
जिसके नीचे मेरी रूह को
दिया गया है दफ़ना

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 292 Views

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