क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
पहचान लाजवाब , वो शराफत है दोस्ती ।
धोखा फरेब दूर , से करते सलाम हैं ,
यारों का यार “नील” सआदत है दोस्ती ।
✍️नील रूहानी
क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
पहचान लाजवाब , वो शराफत है दोस्ती ।
धोखा फरेब दूर , से करते सलाम हैं ,
यारों का यार “नील” सआदत है दोस्ती ।
✍️नील रूहानी