तेवरी ग़ज़ल से अलग कोई विधा नहीं + डॉ . परमलाल गुप्त
*फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)*
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
**** फागुन के दिन आ गईल ****
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
वादों की रस्सी में तनाव आ गया है
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
इश्क़ में सैंडिल मिले सौभाग्य से
हे मनुष्य बड़ा लोभी है तू
Vishnu Prasad 'panchotiya'
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
यादों के अभिलेख हैं , आँखों के दीवान ।