कह ही दूं अलविदा!!
कह ही दूं अलविदा!!
तुम्हारी याद आए रो पड़ूं तो?
मन करता अलविदा कह ही दूं??
यकीनन फैसला ये है कठिन तो
मगर फिर भी मैं ऐसा ही करूँ तो?
पर, फिर भी सूकूं आएं न कभीतो!!!
लिखूँ स्नेह मन की वेदनाएं!!
लिख दूं प्रीत भरी स्मृतियां!!
लिख कर पढ़ा दू मन की अभिलाषाएं!!
तुम्हें अंतिम सृजन फिर सौप दूं तो??
समझ न पाओगे मेरी संवेदनाएं!!
मेरे अंतर्मन की नेह भरी भावनाएं!!
तुम्हें आता है न! स्वीकार करना
अगर मैं अलविदा ऐसे कहूँ तो?
– सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान