Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2024 · 1 min read

कहे आनंद इस जग में एक ही बात का सार।

कहे आनंद इस जग में एक ही बात का सार।
तकरार में कुछ लोग जान गवावों कुछ फसत इंद्रिय दरार।
RJ Anand Prajapati

45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
आँखे नम हो जाती माँ,
आँखे नम हो जाती माँ,
Sushil Pandey
3801.💐 *पूर्णिका* 💐
3801.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
Bidyadhar Mantry
■
■ "डमी" मतलब वोट काटने के लिए खरीद कर खड़े किए गए अपात्र व अय
*प्रणय*
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
Neelofar Khan
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
पूर्वार्थ
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मिल नहीं सकते
मिल नहीं सकते
Dr fauzia Naseem shad
"मशवरा"
Dr. Kishan tandon kranti
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पृथ्वी
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
रामचंद्र झल्ला
रामचंद्र झल्ला
Shashi Mahajan
भागमभाग( हिंदी गजल)
भागमभाग( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
वादे करके शपथें खा के
वादे करके शपथें खा के
Dhirendra Singh
“छोटा उस्ताद ” ( सैनिक संस्मरण )
“छोटा उस्ताद ” ( सैनिक संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
अरे ओ हसीना तू
अरे ओ हसीना तू
gurudeenverma198
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
गांव में फसल बिगड़ रही है,
गांव में फसल बिगड़ रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
Ravikesh Jha
Sahityapedia
Sahityapedia
भरत कुमार सोलंकी
Loading...