कहें किस रंग से होली मनाना आप चाहेंगे ? (हास्य-गीत)
कहें किस रंग से होली, मनाना आप चाहेंगे ? (हास्य-गीत)
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कहें किस रंग से होली, मनाना आप चाहेंगे ?
(1)
अगर हैं बैंक वाले फिर तो सबसे शुद्ध चूना है
लिया घोटालेबाजों ने इसे हर साल दूना है
अफसर-पूँजीपति मिल-मिल के ही चूना लगाते हैं
करोड़ों है पुरानी बात, अब अरबों को खाते हैं
चलन चूने का चलता है, चलाना आप चाहेंगे ?
(2)
अगर पूछें तो असली रंग, नेताओं का कीचड़ है
उछलता यह सरलता से, लगे जैसे कि थप्पड़ है
अगर रंगों की ही चाहत है तो काला मँगा डालें
लगाएँ खुद को काला, और औरों को भी रँगवा लें
नहीं पीला-गुलाबी रंग, लाना आप चाहेंगे?
(3)
अगर पूछो तो जनता के लिए हर रंग प्यारा है
सदा हर रंग की अच्छी, लगी पानी की धारा है
गुलालों को ये निश्छल मन से, सतरंगीन लाते हैं
बच्चे बन के सौ रंगों की, पिचकारी चलाते हैं
मोहब्बत के लगाकर रंग, गाना आप चाहेंगे ?
कहें किस रंग से होली, मनाना आप चाहेंगे?
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 999 761 5451