“ कहू त ककरा सँ कहू ?”
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल”
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किछु मैथिली मे लिखबा क चेष्टा करैत छी ! कखनो अंग्रेजी मे अपन मनोभावना केँ व्यक्त केलहूँ आ हिन्दी भाषा मे सहो अपन विचार लोकक समक्ष रखलहूँ ! भाषा सब नीक लगैत अछि मुदा अपन मातृभाषा मैथिली बजनाइ आ लिखनाइ सँ हृदय जुड़ा जाइत अछि !
आब मिथिलाक्षर सिखनाइ प्रारंभ केने छी ! ओना विद्वानक सानिध्य देहा -देही नहि भ सकल मुदा फेसबूक रंगमंच पर हुनका लोकनिक दर्शन भ जाइत अछि ! ज्ञान -गंगा क धार सँ सबदिन प्रातः -प्रातः स्नान करैत छी ! मन पवित्र भ जाइत अछि ! कखनो कविता पाठ ,लाइव समालोचना आ साक्षात्कार सुनबा क अवसर भेटइट अछि ! मैथिली साहित्य ,संस्कृति ,भेष -भूषा ,खान -पान आ मिथिला क दर्शनीय स्थान क अवलोकन होइत रहित अछि ! कतो मिथिला संघ ,हम सब मैथिल छी ,विश्व मैथिली एकता मंच इत्यादि इत्यादि मैथिली ग्रुप सहस्त्र संख्या मे बनि गेल अछि ! सभहक प्रयास सँ मैथिली पल्ववित आ पुष्पित भ रहल अछि !
मुदा किछु गप अछि “ कहू त ककरा सँ कहू ?” मैथिली रचना प्रकाशित सँ पहिने सुरक्षित नहि अछि ! भारतीय अन्य भाषा मे प्रकाशित करबाक लेल पोर्टल साइट क प्रावधान छैक मुदा मैथिली क लेल कतो नहि अछि ! नवका पीढ़ी मे एक सँ एक गाँडीव धारी छथि जनिका लक्ष्य -भेद करबा मे कनिकबो देर नहि लगतनि !
आइ धरि अपन मिथिलाक्षर गूगल मे नहि प्रविष्ट क सकल ! साहित्यपीड़िया पोर्टल अप्प मे सब भाषा केँ स्थान देल गेल अछि ! ओहि मे ओहनो भाषा केँ स्थान भेटल अछि जकर कोनो अपन लिपि नहि छैक ! जा धरि हमरा लोकनि असुरक्षित रहब , मिथिलालिपि क अवहेलना करब आ मैथिली सब गोटे नहि बाजब त आहाँ लोकनि केँ सहो कह पड़त “ कहू त ककरा सँ कहू ?”
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत