कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
ये मदहोश हवाएं जाके बस तुझे छू आई
मेरे लिबास भी महकने लगे तेरी खुश्बू से
मैंने बस याद किया और तेरी खुशबू आई
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
ये मदहोश हवाएं जाके बस तुझे छू आई
मेरे लिबास भी महकने लगे तेरी खुश्बू से
मैंने बस याद किया और तेरी खुशबू आई
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”