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22 Jun 2024 · 1 min read

कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई

कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
ये मदहोश हवाएं जाके बस तुझे छू आई
मेरे लिबास भी महकने लगे तेरी खुश्बू से
मैंने बस याद किया और तेरी खुशबू आई

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

1 Like · 135 Views
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