कहीं किसी आसमां पर
कहीं किसी आसमां पर
कहीं किसी आसमां पर लिखा होगा मेरी मंजिल का पता
मैं उसी आसमां को कर लूंगा अपनी मंजिल का हमसफ़र |
बढ़ चलूँगा मैं अपने हौसलों का साथ लिए
एक अदद ख्वाहिश के साथ उस आसमां की ओर |
रोक न पाएगी कोई भी दीवार मुझे बढ़ने से
सकारात्मक सोच को कर लूंगा अपनी धरोहर |
अपने प्रयोजन को अपने मनोयोग का उदेश्य बनाकर
अपनी मंजिल की ओर अग्रसर हो चलूँगा |
मुझे सफल होना ही है इस विचार को कर लूंगा अपनी पूँजी
मुसीबतों , बाधाओं को अपनी राह के मित्र बना लूँगा |
क्यूं कर विश्राम को अपनी राह का रोड़ा बना लूँ
जब तक मंजिल नसीब न हो मुझे अविराम बढना ही होगा |
सफल होने के एहसास को अपनी ऊर्ज़ा स्रोत बनाकर
अपनी कोशिशों को मुझे एक नया आयाम देना ही होगा |
मुझे उम्मीद है मैं अपनी मंजिल एक दिन हासिल कर लूँगा
फिर करूंगा रोशन एक आशियाँ उस आसमां पर जो है मेरी मंजिल का पता |
कहीं किसी आसमां पर लिखा होगा मेरी मंजिल का पता
मैं उसी आसमां को कर लूंगा अपनी मंजिल का हमसफ़र |
बढ़ चलूँगा मैं अपने हौसलों का साथ लिए
एक अदद ख्वाहिश के साथ उस आसमां की ओर ||