“कहीं असंवेदनशीलता के चादरों में ना लिपट जाएँ “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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आज हमें विज्ञानिकों ने एक नायाब तोफा दे रखा है ! इन यंत्रों के माध्यम से हम विश्व से जुड़ने लगे हैं ! आये गए दिन नए मित्र ,कुछ श्रेष्ठ कुछ सम्मानीय और कुछ पुराने मित्रों की टोलियां, जो अतीत के बादलों के आंचलों में छुपे पड़े थे ,सारे के सारे सामने आकर हमें खुशियां देकर दोस्ती के बंधनों में बंध गए ! हम अपना सन्देश ,अपनी बातें ,प्रतिक्रिया ,कमेंट इत्यादि का आदान प्रदान करने लगे ! कभी कभी विडिओ चैटिंग भी करने का अवसर मिल जाता है ! टेलीफोन की भी आधुनिक सुविधा हमें मिल गयी ! ……..परञ्च कुछ बातें तो चुभती है…..जब सिर्फ हमारे पास सीमित संसाधन थे एक चिठ्ठी और दूसरा हमारा टेलीफोन हम बेहिचक लोगों से बातें करते थे ! लम्बी लम्बी कतारें पी ० सी ० बूथों पर देखने को मिलती थी ! हम बातें करते थे ..” बाबु जी से बातें कराओ …माँ को बुलाओ …बहनें कहाँ है ..चुनु ..मुन्नू को कहो मुझसे बातें करेंगे …तरह तरह के हिदायत उन्हें देंगे “…..माहोल ही कुछ ऐसा था ! परन्तु आज का दौर कुछ बदला बदला नजर आने लगा है ! हम बातें तो आज भी करते हैं पर अधिकतर इन यंत्रों में सिमटते जा रहे हैं ! सन्देश तो हम आज द्रुत गति से भेजते हैं पर हमें ऐसा नहीं लगता है कि हम आइ०ऍम ० एफ० की भिक्षा राशि एक दुसरे को अग्रसारित कर रहें हैं ? नक़ल की हुई पोस्टों से लोगों को भ्रमित करते रहते हैं ! बातें अपनी बहुत विरले हुआ करती है ! यदा कदा किन्हीं का कमेंट आ जाता है ! लोग अधिकांशतः इतने शोर्ट कट हो चले हैं कि हमारी बातें क्यों ना दुःख ,पीड़ा ,पश्च्याताप और संवेदनायुक्त हो हमें तो “लाइक ” करना आता है ! जहाँ तक पहले चिठ्ठियाँ लिखी जाती थी ! इन श्रेणियों में श्रेष्ठ लोग भी आते थे …शिक्षक को भी पत्र लिखे जाते थे ..मित्र ..सगे सम्बन्धियों से सीखने की परम्परा थी ! आज चाहे हम व्हाटसप पर लिखें ..मेसेज पर कुछ लिखें ..तो हम वर्षों इंतजार क्यों ना करें …हम जवाब अथवा प्रतिक्रिया को तरस जाते हैं !..और तो और यदि कोई हमारे टाइम लाइन में खास करके पत्र टैग करता है तो हम सोचते हैं कि हमारे एल ० ओ ० सी ० का अतिक्रमण किसी पकिस्तानिओं ने तो नहीं कर दिया ! पहले तो उन्हें अनफोलो करते हैं …अनफ्रेंड करते हैं …फिर बात नहीं बनी तो …ब्लाक करते हैं ! …..आज इन विषयों पर हमें ध्यान देना होगा ! हमें तो आशंका है कि “कहीं असंवेदनशीलता के चादरों में हम ना लिपट जाएँ “!……..अभिनन्दन !
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत