कहा नहीं करते
अश्क यूँ ही बहा नहीं करते।
राज दिल में पला नहीं करते।।
बात कुछ और है जरा कह दो
रोज़ खुद की सुना नहीं करते।।
अनकही पर यक़ीन मत करना
लोग कहकर वफा नहीं करते।।
चेहरा देख रुख़ बदला है
यार इतनी खफा नहीं करते।।
वक्त बेवक्त याद कर लेना
रहबरों से गिला नहीं करते।।
आपने कह दिया, कहा लेकिन
राज सबसे कहा नहीं करते।।
?हेमन्त कुमार ‘कीर्ण’?