कहानी मोती तोता
??तोता??
अरे!तारा, ये क्या तुम्हारे हाथ में पिंजरा! क्या तुम तोता पालोगी?
“नेहा ने कहा?
” हां,नेहा बेटी नमो को तोते बहुत प्यारे लगते हैं जिद कर रही थी मां मुझे तोता चाहिए, तो लाकर देना पड़ा?
बेटी नमो का मन तोते में लग गया।
तारा ने कहा?
आजकल का जो माहोल चल रहा है,घर से कोई जल्दी बाहर नहीं जाता।
ओमिक्रोन जो फैला है, तारा जब तोते
को खरीद कर लाई थी, उस समय वो
छोटा बच्चा ही था।
तोते को नमों रोज हरी मिर्च, टमाटर आदि खिलाती इसी तरह दो,तीन माह हो गए, नमों तोते को पढ़ना भी सिखाती तोता मोती खूब बोलता नमों बहुत खुश होती।
“तारा के पति को बिजनेस के काम से शहर से बाहर चार दिनों के लिए जाना था, वो गोवा चले गए, दूसरे दिन तारा के घर दो लड़के आए और कहने लगे कि मीटर की रीडिंग लेने आए हैं।
तारा ने रीडिंग लेने को कहा–
पास में ही नमो तोते को खाना खिला रही थी, दोनो लड़के पिंजरे के पास जाकर तोते को खिलाने लगे और फिर दोनो आपस मैं बात करने लगे कि आज रात इस घर में चोरी करनी है
तैयार रहना!
तोता मोती ये सब बातें बड़े ध्यान से सुन रहा था, जैसे ही वो दोनों लड़के घर से चले गए, तोता मोती की आवाजें आने लगी, आज रात चोर आयेंगे, चोर-चोर——
तारा कुछ समझी नहीं फिर तोते ने कहा आज चोरी-चोरी!!!!!!
वो दोनों लड़के आयेंगे, तारा को समझते देर नहीं लगी कि वो दोनों लड़के रीडिंग के बहाने आए थे।
रात हुई तारा सतर्कता से उन दिनों का इंतजार करने लगी जैसे ही तारा को वो लड़के आते दिखे तारा ने पुलिस को फोन किया।
और पुलिस आई दोनो को पकड़ के ले गई,
आज तारा तोता मोती का बहुत -बहुत
आभार कर रही थी—–
कि तोता मोती न होता तो आज घर में
लाखों की चोरी होती!!!!!!!!!!
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर