कहानी का नाम – काश
कहानी का नाम – काश
टिल्लू बहुत ही उद्दंड किस्म का लड़का था | पढ़ाई में तो उसका मन बिल्कुल ही नहीं लगता था | घर में चार बहनों के बीच में एक भाई था जिसे मां-बाप ने बड़े लाड़ – प्यार से पाला हुआ था | पढ़ाई में मन न लगने के कारण टिल्लू बहुत ही उद्दंड हो गया था | अपने खर्चों के लिए वह घर में छोटी-मोटी चोरियां कर लेता था | घर में जो सब्जियां लानी होती उसे वह आसपास के गांव के खेतों से चुरा कर ले आया करता था और जो पैसे होते थे वह अपनी जेब में रख लिया करता |
घर वालों ने तो बहुत कोशिश की कि टिल्लू पढ़ाई करे | पर टिल्लू का तो मानो पढ़ाई से जन्मजात ही कोई नाता न था | सारा दिन यहां – वहां घूमना , आवारागर्दी करना उसका रोज का काम था | घर से पैसे मांगना जेब खर्च के लिए | पैसे न मिलने पर घर का सामान खरीदने जाता तो उसमें से पैसे बचा लिया करता था | इस बात की जानकारी घर वालों को मिलने पर घर वालों द्वारा उसकी खूब खिंचाई की गयी और इसके बाद उससे घर का सामान मंगवाना भी बंद कर दिया गया | टिल्लू को पैसों की किल्लत महसूस होने लगी | अब घर में रखे पैसों पर वह सेंध मारने लगा | थोड़ी-थोड़ी रकम निकालने की वजह से किसी को उस पर शक नहीं हुआ किंतु जब वह ज्यादा रकम चुराने लगा तो घर के लोगों को पता चल गया | फिर क्या था टिल्लू की ठुकाई भी हुई और उसकी जेब खर्च पर प्रतिबंध लगा दिया | टिल्लू परेशान होकर घर के आसपास के बंद मकानों पर सेंध मारने लगा और छोटी-मोटी चोरियां करने लगा | धीरे-धीरे उसका हौसला बढ़ता गया | इन्हीं बातों में उसका दिल लगा करता था | बाद में उसने दो-तीन बड़ी चोरियां भी कीं लेकिन घर वालों के प्रयास से उसे बचा लिया जाता था |
एक दिन रात को टिल्लू सेंधमारी कर रहा था कि अचानक मकान मालिक व उसके परिवार के लोग आ जाते हैं और घर के भीतर आवाज सुनकर वे सन्न रह जाते हैं और घर का ताला खोलते हैं तो टिल्लू को अंदर पाते हैं फिर क्या था उसके मां-बाप को पूरी जानकारी देते हैं | टिल्लू के मां-बाप माफ़ी दिए जाने की बात कहते हैं और उससे माफी दिलवा देते हैं | इस घटना के बाद टिल्लू को लगने लगा कि शायद आगे भी ऐसे ही माफी मांग लिया करेगा और बच जाया करेगा | वह आगे भी ऐसा करता | आगे भी और चोरियां करते पकड़े जाने पर वह माफी मांग लेता और बच जाता |
मां-बाप भी चाहते थे कि बेटा सुधर जाए किंतु उसके हौसले बढ़ते ही गये | एक दिन टिल्लू गांव के पास के ही एक रिहायशी इलाके में चोरी करने पहुंच गया चोरी करते वक्त घर की मालकिन जाग जाती है और टिल्लू को चोरी करते देख लेती है और जोर-जोर से चोर – चोर की आवाज करने लगती है टिल्लू घबरा जाता है और पास में ही रखे फूलदान को उठाकर घर की मालकिन पर दे मारता है | मालकिन वहीं ढेर हो जाती है | टिल्लू को लगा कि मकान मालकिन मर गयी है टिल्लू घबराकर वहां से भाग जाता है | मकान मालकिन अगले दिन करीब के थाने में पहुंचकर टिल्लू के खिलाफ शिकायत दर्ज करा देती है | अगले दिन पुलिस वाले टिल्लू के घर पहुंच जाते हैं और उसे पकड़कर थाने ले आते हैं | टिल्लू के खूब बहाने बनाने पर भी उसकी एक न चली | जिस घर में एक रात पहले चोरी करने गया था उस घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में उसकी सारी घटना रिकॉर्ड हो गई और टिल्लू के पास अब कहने को कुछ बचा ना था उस पर गैर इरादतन हत्या और चोरी का केस चला और उसे सात साल की सजा सुनाई गई और जुर्माना भी लगाया गया |
टिल्लू बार-बार यही सोच रहा था कि “काश” पहली चोरी के बाद ही उसके माता पिता ने उसे माफ़ी न दिलवाई होती तो आज इतनी बड़ी सजा उसे भोगनी नहीं पड़ती | टिल्लू जेल में सजा काट रहा है और उसके मां-बाप बिना किसी अपराध की सजा भोग रहे हैं उन्हें अफसोस हो रहा था कि “ काश “ उन्होंने टिल्लू को पहली गलती करने पर ही सजा दी होती | उनके लाड़ – प्यार ने ही उसे इस मुकाम पर ला खड़ा किया था |