कहाँ हो चिड़िया तुम?
कहाँ हो चिड़िया तुम?
कूछ वर्ष पहले.तो तुम खूब आती थी
गाती थी सुबह सवेरे
घर की खिड़की के उपर
या किसी खाली स्थल पर
धौंसला बनाती थी
तुम्हारे नन्हे नन्हे बोटों की
धीमी धीमी चीं चीं
बहुत भाती थी
छत पर रखा दाना दुनका
चुन चुन कर
वह बोटों की चोंच में रखना
कभी घर में आती बिल्ली
तुम सतर्क हो जाती थी।
तुम्हें हो गा खूब याद
तुम्हारा वह छोटा-सा बच्चा
चलते चलते आ गया था अन्दर
अभी उड़ नहीं सकता था
कैसे ढूंड.रही थी तुम
पगलाई-सी
वह भी क्या नजारा था
जब अन्ततः तुम उसे
अपने साथ उड़ा ले गई थी।
लगता है जैसे वह
कल की बात थी।
पर नहीं,
बरसों हो गये तुम्हें देखे
कहाँ हो चिड़िया तुम?
तुम ने वह गाना तो सुना होगा..
जहाँ डाल डाल पर चिड़ियां
करती हैं बसेरा
वह भारत देश है मेरा
पर अब कहाँ है तेरा बसेरा
कहा है वह भारत देश मेरा…ं