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22 Jul 2021 · 1 min read

कहाँ मिलेंगे उसके क़दमों के निशाँ

कहाँ मिलेंगे उसके क़दमों के निशाँ

कहाँ मिलेंगे , उसके क़दमों के निशाँ

कहाँ नज़र आयेंगे , उसकी उपस्थिति के निशाँ |

किस आकृति में उसने , स्वयं को किया होगा अवस्थित

किस रंग रूप में उसने , स्वयं को किया होगा पोषित |

कोई कहता है , ईश्वर मानव मन में अवस्थित

कोई कहता है ईश्वर , मानव रूप में अवस्थित |

कहते हैं प्रेम की अनुभूति में , ईश्वर का एहसास

प्रकृति का कण – कण , उसके एह्सास से प्रफुल्लित |

सलिला के कल – कल निनाद में , उसकी अनुभूति

मंदिर के घंटे की ध्वनि और शंखनाद में उसका आभास |

पंछियों के मधुर स्वर में , उसकी अनुभूति

श्रद्धा और सबूरी में उसकी उपस्थिति का एहसास |

आध्यात्मिक सोच में , उसकी उपस्थिति की अनुभूति

इस धरा की प्रत्येक कृति में , उसका एहसास |

उसकी प्रत्येक अनुभूति पर , सर्वस्व समर्पित

उसके प्रत्येक एहसास और अनुभूति को , वंदन और नमन |

कहाँ मिलेंगे , उसके क़दमों के निशाँ

कहाँ नज़र आयेंगे , उसकी उपस्थिति के निशाँ |

किस आकृति में उसने , स्वयं को किया होगा अवस्थित

किस रंग रूप में उसने , स्वयं को किया होगा पोषित |

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 488 Views
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