“कहाँ तक”
कहाँ तक
कहोगे अधूरे किस्से
कहो एक बात ही सही
पर गहराई तो हो।
चढे़ मुकाम कई सारे
बढ़े बेखौफ वही जिसने
जड़ जमीन से लगाई हो।
-शशि “मंजुलाहृदय”
कहाँ तक
कहोगे अधूरे किस्से
कहो एक बात ही सही
पर गहराई तो हो।
चढे़ मुकाम कई सारे
बढ़े बेखौफ वही जिसने
जड़ जमीन से लगाई हो।
-शशि “मंजुलाहृदय”