Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2018 · 1 min read

“कहाँ आ पहुँचें”

ऊँचें ऊँचें पर्वतों सी चाहत में कहाँ आ पहुँचें
लोग इक़ ज़िन्दगी से दूसरी ज़िन्दगी में जा पहुँचें

ज़मीर का मोल आसमानों पर चढ़ा है इस क़दर
जो ना बेच सके ज़मीर अपना वो सूली पे जा पहुँचें

सच का कोई भी खरीदार ना दिखा भरे बाज़ार में
जब बेचने के लिए कुछ सच हम बेवजहा जा पहुँचें

देखों आसमां दूर होकर भी ज़मीं पर बरसता है
मग़र यहाँ तो अपने भी क़रीब होकर दूर जा पहुँचें

कुछ धुंधली सी हो गयी है, तस्वीर इस ज़माने की
ऐ ख़ुदा हमें कोई हमसा नहीं दिखता बता कहाँ पहुँचें

लोगों ने ना जाने कितने ख़ुदा बना रक्खे हैं देख लें
हमें फ़िर भी इक़ तेरी ही आस है, दुआं पहुँचें ना पहुँचें

___अजय “अग्यार

321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सावन‌ आया
सावन‌ आया
Neeraj Agarwal
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
बहकी बहकी बातें करना
बहकी बहकी बातें करना
Surinder blackpen
सीढ़ियों को दूर से देखने की बजाय नजदीक आकर सीढ़ी पर चढ़ने का
सीढ़ियों को दूर से देखने की बजाय नजदीक आकर सीढ़ी पर चढ़ने का
Paras Nath Jha
समस्या है यह आएगी_
समस्या है यह आएगी_
Rajesh vyas
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धुनी रमाई है तेरे नाम की
धुनी रमाई है तेरे नाम की
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Rang hi khuch aisa hai hmare ishk ka , ki unhe fika lgta hai
Rang hi khuch aisa hai hmare ishk ka , ki unhe fika lgta hai
Sakshi Tripathi
1 *शख्सियत*
1 *शख्सियत*
Dr Shweta sood
धूल से ही उत्सव हैं,
धूल से ही उत्सव हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
डिजिटल भारत
डिजिटल भारत
Satish Srijan
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
झुग्गियाँ
झुग्गियाँ
नाथ सोनांचली
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज से
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज से
Dr fauzia Naseem shad
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
Jyoti Khari
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
Neeraj Naveed
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
Neerja Sharma
dream of change in society
dream of change in society
Desert fellow Rakesh
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
Ravikesh Jha
मैं तो महज नीर हूँ
मैं तो महज नीर हूँ
VINOD CHAUHAN
बहुत बरस गुज़रने के बाद
बहुत बरस गुज़रने के बाद
शिव प्रताप लोधी
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
प्रेम साधना श्रेष्ठ है,
Arvind trivedi
कभी सरल तो कभी सख़्त होते हैं ।
कभी सरल तो कभी सख़्त होते हैं ।
Neelam Sharma
💐प्रेम कौतुक-264💐
💐प्रेम कौतुक-264💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
Buddha Prakash
2999.*पूर्णिका*
2999.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
Manoj Mahato
Loading...