कहमुकरी
कहमुकरी-
सबसे पहले कपड़ा खोले।
इंच इंच फिर बदन टटोले।
पूछे वह क्या मेरी मर्जी।
क्या सखि साजन? नहिं सखि दर्जी।।1
जाड़ा उससे लिपट भगाऊँ।
उसको अपने अंग लगाऊँ।
वही एक सर्दी में संबल।
क्या सखि साजन?नहिं सखि कंबल।।2
चाल ढाल है उसकी न्यारी।
बातें अल्हड़ प्यारी- प्यारी।
करे रोज़ अपनी मनमानी।
क्या सखि साजन?नहीं जवानी।।3
बच्चों सी वह करता हरकत।
उसके शब्दों में है बरकत।
घेरे रहता उसको आपा।
क्या सखि साजन? नहीं बुढ़ापा।।4
सुनकर उसको मन बहलाऊँ।
मन में जोश उमंगें लाऊँ।
उसको अपना सब कुछ माना।
क्या सखि साजन?नहिं सखि गाना।।5
डाॅ बिपिन पाण्डेय