Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2021 · 1 min read

कहने लगे

…..कहने लगे!

भीगी रातों में स्फुटित प्रेम अंकुर
जब उजाले में कुम्हलाने लगे
हाय बहुत कुछ ये कहने लगे

मिल गया अर्थ टूटे हुए शब्दों का
जब आँखों से ये बहने लगे
हाय बहुत कुछ ये कहने लगे

वो ख़त का जला हुआ टुकड़ा
जब दिल को जलाने लगे
हाय बहुत कुछ ये कहने लगे

ज़िंदगी के पन्ने हो तितर बितर
जब हाथों से उड़ने लगे
हाय बहुत कुछ ये कहने लगे

वो भी चुप और हम भी चुप
जब होंठ भी सिलने लगे
हाय बहुत कुछ ये कहने लगे

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
3 Likes · 403 Views

You may also like these posts

.......शेखर सिंह
.......शेखर सिंह
शेखर सिंह
एक है ईश्वर
एक है ईश्वर
Dr fauzia Naseem shad
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
Rain
Rain
Shashi Mahajan
लोगों का क्या है
लोगों का क्या है
Shinde Poonam
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
Ravi Prakash
#राम अभी लौटे नहीं
#राम अभी लौटे नहीं
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ग़म
ग़म
Shutisha Rajput
23/74.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/74.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो मैं थोड़ा  कमतर ही पर थोड़ा जी भी लिया करूं
चलो मैं थोड़ा कमतर ही पर थोड़ा जी भी लिया करूं
Ashwini sharma
■ वक़्त का हर सबक़ एक सौगात।👍
■ वक़्त का हर सबक़ एक सौगात।👍
*प्रणय*
गीत गुरमत का रंग
गीत गुरमत का रंग
Mangu singh
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पूर्वार्थ
# जय.….जय श्री राम.....
# जय.….जय श्री राम.....
Chinta netam " मन "
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
*सर्दी*
*सर्दी*
Dushyant Kumar
सबक
सबक
अरशद रसूल बदायूंनी
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
Buddha Prakash
सत्य और सत्ता
सत्य और सत्ता
विजय कुमार अग्रवाल
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
హాస్య కవిత
హాస్య కవిత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हमसे दिल लगाकर तो देखो
हमसे दिल लगाकर तो देखो
Jyoti Roshni
श्रमिक
श्रमिक
Dr. Bharati Varma Bourai
खो दोगे
खो दोगे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
-खाली जेब की कसौटी -
-खाली जेब की कसौटी -
bharat gehlot
Loading...